मन स्वप्न, मन पक्षी
मन चित्र, मन नक्षी
मन तरंग, मन तराणे
मन सूर, मन गाणे
मन धुंद, मन भान
मन थोर, मन सान
मन दिवटी, मन मशाल
मन अणू, मन विशाल
मन झुंबर, मन झोका
मन ह्रूदय, मन ठोका
मन पावा, मन श्याम
मन धावा, मन राम
मन चंचल, मन लहरी
मन गूढ, मन गहरी
मन गिरकी, मन रिंगण
मन तुळशी मन, मन अंगण
मन माझे..
मन चित्र, मन नक्षी
मन तरंग, मन तराणे
मन सूर, मन गाणे
मन धुंद, मन भान
मन थोर, मन सान
मन दिवटी, मन मशाल
मन अणू, मन विशाल
मन झुंबर, मन झोका
मन ह्रूदय, मन ठोका
मन पावा, मन श्याम
मन धावा, मन राम
मन चंचल, मन लहरी
मन गूढ, मन गहरी
मन गिरकी, मन रिंगण
मन तुळशी मन, मन अंगण
मन माझे..
Comments
या ओळी वाचल्या आणि रमाबाई रानडे आठवल्या...
त्या ही म्हणतात,सोवळ्या मनात माझ्या भरे नभाचा आशय!!!!! "उंच माझा झोका" चं गाणं ऐकताना,या ओळी तू म्हणतेयस असं वाटतं.....
"असे आगळे हे नाते , ऐक ही रमा सांगते
बीज हे रुजे अंतरी ,जगण्याचे फूल होते...."
अशीच बहरत जा....
आभाळभर शुभेच्छांसह,
-मानसी